DA Hike Update – भारत के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में जो हालिया वृद्धि हुई थी, वह बेहद कम थी। और अब जो ताजा जानकारी सामने आ रही है, वह कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए थोड़ी निराशाजनक हो सकती है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 2 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिससे डीए का कुल आंकड़ा 55 फीसदी हो गया था। हालांकि, यह 2 फीसदी की बढ़ोतरी पिछले लगभग 6 सालों में सबसे कम रही। अब, 2025 के पहले तीन महीनों के महंगाई आंकड़ों से संकेत मिल रहे हैं कि आगामी डीए में बढ़ोतरी बहुत कम हो सकती है, या फिर बिल्कुल भी नहीं हो सकती।
महंगाई भत्ता (डीए) क्या है?
महंगाई भत्ता (डीए) एक ऐसा भत्ता है, जिसे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की सैलरी की वास्तविक खरीद क्षमता बनाए रखना है, ताकि महंगाई के असर से उनके जीवन स्तर पर कोई असर न पड़े। डीए का निर्धारण भारत सरकार द्वारा हर छह महीने में किया जाता है – एक बार जनवरी से जून के लिए और दूसरी बार जुलाई से दिसंबर के लिए। यह भत्ता हर साल दो बार बढ़ता है, और इसके बदलाव का आधार होता है कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI), जिसे AICPI-IW (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स) के नाम से भी जाना जाता है।
AICPI-IW में गिरावट का असर
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का सबसे महत्वपूर्ण मीट्रिक AICPI-IW है। AICPI-IW के आंकड़े केंद्र सरकार को यह निर्णय लेने में मदद करते हैं कि डीए में कितनी बढ़ोतरी की जानी चाहिए। जनवरी और फरवरी 2025 में इस इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में महंगाई भत्ते की वृद्धि बहुत कम हो सकती है या फिर पूरी तरह से शून्य हो सकती है।
फरवरी 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, AICPI-IW में गिरावट आई है। जनवरी 2025 में यह 143.2 था, जो फरवरी में घटकर 142.8 पर आ गया। साथ ही, इस साल के पहले दो महीनों में महंगाई दर भी कम हुई है। फरवरी 2025 में महंगाई दर घटकर 2.59 फीसदी हो गई, जबकि फरवरी 2024 में यह आंकड़ा 4.90 फीसदी था। यह गिरावट महंगाई में कमी को दर्शाती है, जिससे आगामी डीए वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
महंगाई दर का प्रभाव
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति यानी CPI आधारित रिटेल इनफ्लेशन भी इस साल मार्च में पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। मार्च 2025 में यह 3.34 फीसदी रही, जबकि फरवरी 2025 में यह 3.61 फीसदी थी। यह दर्शाता है कि देश में महंगाई में कुछ कमी आई है। अगर यही गिरावट का सिलसिला जारी रहा, तो AICPI-IW का औसत और गिर सकता है। इसका असर डीए के कैलकुलेशन पर पड़ेगा, और इससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाले डीए में कमी हो सकती है।
डीए कैलकुलेशन का तरीका
डीए की गणना AICPI-IW के आंकड़ों के आधार पर की जाती है। पहले यह कैलकुलेशन बेस ईयर 2001 के आधार पर किया जाता था, लेकिन 2020 से इसे बदलकर बेस ईयर 2016 किया गया है। इस नए फॉर्मूले के अनुसार, पिछले 12 महीनों के AICPI-IW का औसत लिया जाता है और फिर इसे एक निर्धारित बेस वैल्यू से घटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी का निर्धारण करती है।
फॉर्मूला इस प्रकार है:
डीए = (पिछले 12 महीनों का AICPI-IW का एवरेज × 2.88 – 261.4) × 100 / 261.4
यहां 261.4 बेस इंडेक्स है, जो 7वें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया गया था। यदि AICPI-IW का औसत गिरता है, तो इसका सीधा असर डीए पर पड़ेगा और कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते में बहुत मामूली वृद्धि या फिर कोई वृद्धि नहीं हो सकती है।
7वें वेतन आयोग का अंतिम डीए संशोधन
7वें वेतन आयोग का कार्यकाल इस साल दिसंबर में खत्म हो जाएगा, और यह इस आयोग के तहत आखिरी डीए संशोधन होगा। इसके बाद केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए नए वेतन आयोग का गठन कर सकती है। यदि इस साल जुलाई 2025 में डीए में कोई विशेष वृद्धि नहीं होती, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें अच्छे खासे महंगाई भत्ते में इजाफा मिलेगा।
कर्मचारियों और पेंशनर्स पर प्रभाव
डीए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उनके मासिक वेतन और पेंशन का अहम हिस्सा है। यदि डीए में कोई बढ़ोतरी नहीं होती या बहुत कम होती है, तो इससे कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ेगा। महंगाई भत्ते का उद्देश्य उनके जीवन स्तर को बनाए रखना है, ताकि वे महंगाई के कारण अपनी खरीदारी में कोई कमी महसूस न करें। डीए में कमी आने से उनका जीवनस्तर प्रभावित हो सकता है, और उन्हें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में परेशानी हो सकती है।
महंगाई भत्ते में संभावित कमी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकती है। AICPI-IW के आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई 2025 के डीए संशोधन में वृद्धि बहुत कम या शून्य हो सकती है। इसके अलावा, 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होने वाला है, जिससे अगले वेतन आयोग के बदलाव के साथ नए समीकरण बन सकते हैं। कर्मचारियों और पेंशनर्स को अब आने वाले महीनों में AICPI-IW के आंकड़ों में सुधार का इंतजार है, जो उनके डीए में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।