80C की छूट छोड़नी चाहिए या नहीं? 2025 की टैक्स प्लानिंग गाइड यही है – Income Tax 2025

Income Tax 2025 : जैसे ही नया वित्तीय साल शुरू होता है, सबसे बड़ा सवाल उठता है – कौन सी टैक्स रिजीम चुनें? 2025 में टैक्सपेयर्स को फिर से दो ऑप्शन दिए गए हैं – पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, और आपकी सही चॉइस इस पर निर्भर करती है कि आप कितना कमाते हैं, कितना निवेश करते हैं और आपका खर्च कैसा है।

नई टैक्स रिजीम – सिंपल है पर छूट नहीं मिलेगी

सरकार ने फरवरी 2025 के बजट में नई टैक्स रिजीम को और भी लुभावना बना दिया है। अब इसमें ₹12 लाख तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री है। अगर आपकी आय ₹12.75 लाख तक है, तो स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ आप टैक्स से पूरी तरह बच सकते हैं।
नई टैक्स रिजीम के अंतर्गत 7 स्लैब्स हैं, जिनमें कम टैक्स दरें रखी गई हैं। ₹24 लाख से ऊपर की आय पर ही 30% टैक्स देना होता है।

किसके लिए सही है ये?
अगर आप कोई टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं करते, एलआईसी, पीपीएफ या एनपीएस में पैसा नहीं डालते, तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। सिंपल है, कागजी काम भी कम है, और कैलकुलेशन झंझट नहीं।

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पुरानी टैक्स रिजीम – कटौतियों और छूट का फायदा

पुरानी टैक्स रिजीम उन लोगों के लिए बेहतर है जो टैक्स सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट करते हैं। इसमें सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। साथ ही HRA, LTA, होम लोन के ब्याज पर भी टैक्स में राहत मिलती है।
इसमें टैक्स स्लैब कुछ अलग हैं – ₹2.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं, ₹2.5 लाख से ₹10 लाख तक 5% से 20% तक टैक्स, और ₹10 लाख से ऊपर की इनकम पर 30% टैक्स।

किसके लिए सही है ये?
अगर आप हर साल PPF, NPS, LIC प्रीमियम, होम लोन EMI या बच्चों की पढ़ाई के खर्च में निवेश करते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।

वेतनभोगियों को मिला स्पेशल फायदा

सैलरीड क्लास के लिए एक अच्छी खबर ये है कि वे हर साल अपनी सुविधा के अनुसार पुरानी और नई टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं। यानी इस साल नई पसंद आई तो इसे चुनिए, अगले साल अगर पुरानी ज्यादा फायदेमंद लगे तो उसमें वापस जा सकते हैं। ये फ्लेक्सिबिलिटी सिर्फ सैलरीड टैक्सपेयर्स को दी गई है।

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आखिरी तारीख और ज़रूरी डॉक्युमेंट्स

आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। देरी से फाइल करने पर लेट फीस और रिफंड में देरी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आपके पास Form 16, बैंक स्टेटमेंट, इन्वेस्टमेंट प्रूफ, होम लोन सर्टिफिकेट जैसे डॉक्युमेंट्स पहले से तैयार हों।

तो कौन सी टैक्स रिजीम है आपके लिए बेस्ट?

  • अगर आप टैक्स बचत के लिए कुछ खास नहीं करते और सिंपल तरीका चाहते हैं, तो नई टैक्स रिजीम अपनाना समझदारी है।
  • अगर आप हर साल टैक्स प्लानिंग करके इन्वेस्ट करते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपकी जेब को ज्यादा राहत दे सकती है।

चॉइस आपकी है, लेकिन फैसला सोच-समझकर करें। गलत सिलेक्शन से पैसे भी कट सकते हैं और मन भी भारी हो सकता है।

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