सिबिल स्कोर पर RBI का बड़ा फैसला! अब बार-बार चेक करने से होगा ये नुकसान CIBIL Score News

CIBIL Score News – सिबिल स्कोर का आजकल के वित्तीय जीवन में अहम स्थान बन गया है। यह हमारे क्रेडिट इतिहास और वित्तीय व्यवहार को दर्शाता है, जिससे बैंक और वित्तीय संस्थाएं यह तय करती हैं कि हमें लोन दिया जाए या नहीं। एक अच्छा सिबिल स्कोर न केवल लोन की मंजूरी को आसान बनाता है, बल्कि कम ब्याज दर पर लोन भी मिलता है।

आरबीआई के नए नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सिबिल स्कोर के अपडेट के लिए नए नियम जारी किए हैं। अब सिबिल स्कोर हर महीने दो बार अपडेट किया जाएगा—15 तारीख को और महीने के अंत में। इससे ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर में हुए बदलाव के बारे में समय पर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

सिबिल स्कोर चेक करने के तरीके

सिबिल स्कोर चेक करने के दो मुख्य तरीके होते हैं:

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  • सॉफ्ट इंक्वायरी – जब आप खुद अपना सिबिल स्कोर चेक करते हैं, तो इसे सॉफ्ट इंक्वायरी कहते हैं। इससे आपके स्कोर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता और आप इसे जितनी बार चाहें चेक कर सकते हैं।
  • हार्ड इंक्वायरी – जब बैंक या वित्तीय संस्था आपके लोन आवेदन के लिए सिबिल स्कोर चेक करती है, तो इसे हार्ड इंक्वायरी कहा जाता है। यह आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर डाल सकती है, खासकर अगर आप बार-बार लोन के लिए आवेदन करते हैं।

सिबिल स्कोर पर हार्ड इंक्वायरी का प्रभाव

जब भी आप किसी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थाएं आपका सिबिल स्कोर चेक करती हैं। इसके कारण हार्ड इंक्वायरी होती है, जिससे आपके सिबिल स्कोर में कुछ अंकों की कमी आ सकती है। यदि आप बार-बार लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो यह आपके सिबिल स्कोर को और अधिक प्रभावित कर सकता है।

सिबिल स्कोर की रेंज और महत्व

सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 750 से ऊपर का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है। ऐसा स्कोर होने पर लोन और क्रेडिट कार्ड की मंजूरी जल्दी मिलती है और कम ब्याज दर का लाभ मिलता है। इसके विपरीत, अगर आपका स्कोर 750 से नीचे है, तो लोन मिलना मुश्किल हो सकता है और ब्याज दर भी ज्यादा हो सकती है।

सिबिल स्कोर खराब होने के कारण

सिबिल स्कोर खराब होने के कई कारण हो सकते हैं:

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  • ईएमआई का समय पर भुगतान न करना
  • क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो का अधिक होना
  • ग़लत गारंटी देना (जैसे किसी के लोन की गारंटी देना और वह चुकता न कर सके)

लोन सेटलमेंट और सिबिल स्कोर पर इसका प्रभाव

कुछ लोग वित्तीय संकट के कारण लोन सेटलमेंट का विकल्प चुनते हैं, जिसमें बैंक कुछ राशि माफ कर देता है। हालांकि, यह आपके सिबिल स्कोर पर बहुत नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, लोन सेटलमेंट से बचने का प्रयास करें और लोन की पूरी राशि चुकता करने की कोशिश करें।

सिबिल स्कोर को सुधारने के उपाय

अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो गया है, तो इसे सुधारने के लिए कुछ तरीके हैं:

  • समय पर सभी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड की पेमेंट्स करें।
  • क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को 30% से कम रखें।
  • बार-बार लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें।
  • अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित जांच करें और उसमें हुई ग़लतियों को सुधारें।

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो और सिबिल स्कोर

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो आपकी कुल क्रेडिट सीमा के मुकाबले आपके द्वारा उपयोग की गई क्रेडिट राशि को दर्शाता है। इस रेश्यो को 30% से नीचे रखना सिबिल स्कोर सुधारने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

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नियमित रूप से सिबिल स्कोर चेक करें

सिबिल स्कोर की नियमित रूप से जांच करना एक अच्छा अभ्यास है। इससे आपको अपनी वित्तीय स्थिति का सही अंदाजा होता है और आप जल्दी से किसी भी समस्या को सुधार सकते हैं। याद रखें, खुद अपना सिबिल स्कोर चेक करने से आपके स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

सिबिल स्कोर सुधारने में समय लगता है

सिबिल स्कोर को सुधारने में समय लगता है, इसलिए आपको धैर्य रखने की आवश्यकता होती है। अच्छे वित्तीय फैसले लेने और नियमित रूप से अपनी वित्तीय स्थिति की निगरानी करने से आप धीरे-धीरे अपने सिबिल स्कोर को सुधार सकते हैं।

सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिटworthiness को दर्शाता है, और इसे सुधारने के लिए जिम्मेदार वित्तीय निर्णय लेना जरूरी है। समय पर पेमेंट्स, क्रेडिट लिमिट का सही इस्तेमाल और नियमित सिबिल स्कोर चेक करने से आप इसे बेहतर बना सकते हैं। याद रखें, सिबिल स्कोर सुधारने के लिए कोई त्वरित समाधान नहीं है, लेकिन निरंतर प्रयास से यह सुधर सकता है।

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