DA OPS Scheme – केंद्र सरकार ने एक बार फिर अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत की घोषणा की है। इस बार महंगाई भत्ते यानी डीए में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। पहले जहां डीए 53 प्रतिशत था, अब यह बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है। यह संशोधन पहली जनवरी 2025 से प्रभावी किया गया है। इस फैसले का फायदा करीब एक करोड़ पंद्रह लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलेगा, जिससे उनकी मासिक आय में सुधार होगा और महंगाई के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।
महंगाई भत्ते का उद्देश्य
महंगाई भत्ता मूल वेतन के आधार पर तय होता है और इसका मकसद बढ़ती महंगाई की वजह से कर्मचारियों की क्रय शक्ति में आई कमी की भरपाई करना होता है। यह भत्ता हर साल दो बार – जनवरी और जुलाई में – संशोधित किया जाता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर इसकी दरें तय होती हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए दो प्रतिशत की बढ़ोतरी एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है, जो कर्मचारियों की जेब में कुछ अतिरिक्त रुपये लाने वाली है।
कर्नाटक सरकार ने भी बढ़ाया DA
कर्नाटक सरकार ने भी अपने कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की है। राज्य सरकार ने डीए में 3.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे कुल दर 35 से बढ़कर 38.75 प्रतिशत हो गई है। राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, तकनीकी शिक्षा परिषद और कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले शिक्षकों और न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों के लिए भी डीए में बढ़ोतरी की है।
वित्तीय दबाव के बावजूद राहत का फैसला
इस फैसले से कर्नाटक सरकार पर करीब 1100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे पहले मार्च में सरकार ने अंतरिम रूप से 17 प्रतिशत की वेतन बढ़ोतरी का ऐलान किया था। हालांकि खर्च बढ़ेगा, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है।
OPS की वापसी पर विचार
एक और बड़ी खबर यह है कि केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को फिर से शुरू करने के विकल्प पर विचार शुरू कर दिया है। फिलहाल यह प्रस्ताव कुछ शर्तों के साथ लाया गया है, लेकिन यह संकेत देता है कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ सकती है। कई राज्य पहले ही ओपीएस लागू कर चुके हैं। कर्नाटक सरकार ने भी इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है, जिससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिल सकेगी।
अन्य राज्यों की स्थिति
पंजाब, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर दिया है। उत्तर प्रदेश भी इसी राह पर चल रहा है। यह फैसला कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग का नतीजा है, जो भविष्य में उन्हें पेंशन के रूप में निश्चित आमदनी की गारंटी देगा।
कर्मचारियों को अन्य लाभ भी
पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार ने डीए में चार बार बढ़ोतरी की है। इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों को बोनस और यूपी सरकार द्वारा डीए में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी जैसी घोषणाएं भी हुई हैं। यह सभी पहलें सरकार की कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक सोच को दर्शाती हैं।
एरियर भुगतान की योजना
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि डीए की नई दर के अनुसार एरियर का भुगतान अक्टूबर 2025 में किया जाएगा। यानी जो अंतर बढ़ा है, वह राशि एकमुश्त दी जाएगी। यह रकम त्योहारों से पहले कर्मचारियों के लिए खासा फायदेमंद साबित हो सकती है और उनके खर्चों में सहूलियत देगी।
आर्थिक और सामाजिक असर
इस तरह की बढ़ोतरी का असर केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं होता, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। जब कर्मचारियों की आय बढ़ती है, तो उनकी खरीदारी की ताकत भी बढ़ती है। इससे बाजार में मांग बढ़ती है और व्यापार को रफ्तार मिलती है। परिणामस्वरूप उत्पादन और रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।
अब जब डीए बढ़ गया है और ओपीएस पर भी विचार हो रहा है, तो कर्मचारी अन्य सुविधाओं की भी उम्मीद कर रहे हैं। जैसे कि वेतन में संशोधन, आवास भत्ता और अन्य लाभों में सुधार। आने वाले समय में सरकार इन पर भी कोई बड़ा फैसला ले सकती है।