अगर गाड़ी में फास्टैग लगा है तो इस गलती से बचिए, वरना भरना पड़ेगा भारी चालान Fastag Rules

Fastag Rules – आजकल लंबी ड्राइव हो या फिर हाईवे का सफर, फास्टैग लगवाना लगभग हर वाहन चालक के लिए जरूरी हो गया है। फास्टैग एक छोटा सा डिवाइस है जो आपकी गाड़ी की विंडशील्ड पर चिपकाया जाता है और टोल प्लाजा पर बिना रुके फीस कटाने की सुविधा देता है। इससे न सिर्फ सफर आसान बनता है, बल्कि समय और ईंधन दोनों की बचत भी होती है। लेकिन अगर आपने फास्टैग से जुड़ी कुछ जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखा, तो परेशानी आपके लिए बड़ी हो सकती है। चलिए जानते हैं कैसे।

फास्टैग को सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी

अगर आपने फास्टैग सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया तो सफर के दौरान आपको दोगुना टोल भरना पड़ सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने हाल ही में कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनके मुताबिक फास्टैग से जुड़ी छोटी-छोटी गलतियां भारी पड़ सकती हैं।

ब्लैकलिस्ट फास्टैग बन सकता है मुसीबत

अगर आपका फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो चुका है और आपने उसे अपडेट नहीं कराया है, तो टोल प्लाजा पर आपको फास्टैग से भुगतान करने की सुविधा नहीं मिलेगी। और अगर गाड़ी फास्टैग स्कैनिंग के वक्त ब्लैकलिस्टेड पाई गई तो दोगुना टोल कैश में देना पड़ेगा। इस परेशानी से बचने के लिए सफर पर निकलने से पहले फास्टैग की वैलिडिटी और एक्टिवेशन स्टेटस जरूर चेक कर लें।

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फास्टैग बैलेंस की कमी भी बढ़ा सकती है खर्चा

अगर आपके फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है तो भी टोल प्लाजा पर ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है। और ऐसे में आपको दोगुना टोल चार्ज नकद में देना पड़ेगा। बेहतर रहेगा कि आप हर बार यात्रा से पहले फास्टैग वॉलेट का बैलेंस चेक कर लें। ₹100 से ज्यादा बैलेंस रखना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है ताकि सफर के दौरान कोई बाधा न आए।

डैमेज फास्टैग भी बन सकता है सिरदर्द

अगर फास्टैग फटा हुआ है या विंडशील्ड पर सही से नहीं चिपका है तो मशीन उसे पढ़ नहीं पाएगी। इसका नतीजा ये होगा कि आपका टोल फास्टैग से नहीं कटेगा और आपको दोगुना चार्ज देना पड़ेगा। इसलिए अगर फास्टैग में कोई डैमेज नजर आए तो उसे तुरंत बदलवा लेना चाहिए।

गलत जगह पर लगा फास्टैग कर सकता है परेशान

फास्टैग को गाड़ी की विंडशील्ड के बीचोंबीच और सही ऊंचाई पर लगाना जरूरी है। अगर आपने उसे कहीं भी टेढ़ा या किनारे लगा दिया तो स्कैनिंग मशीन उसे सही से पढ़ नहीं पाएगी। फिर वही कहानी होगी – ट्रांजैक्शन फेल और दोगुना भुगतान। तो अगली बार जब फास्टैग लगाएं, तो उसकी पोजीशन पर खास ध्यान दें।

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एक गाड़ी पर एक ही फास्टैग रखें

अगर आपकी गाड़ी पर गलती से दो फास्टैग एक्टिव हो गए हैं तो दिक्कत हो सकती है। दोनों फास्टैग से पैसे कट सकते हैं और एनएचएआई इस गलती पर जुर्माना भी लगा सकती है। इसलिए पुराने फास्टैग को डीएक्टिवेट कराना और सिर्फ एक एक्टिव फास्टैग रखना समझदारी भरा कदम है।

पेनाल्टी से बचने के आसान तरीके

अगर आप दोगुना टोल भरने और फालतू की परेशानियों से बचना चाहते हैं तो ये छोटे-छोटे स्टेप्स फॉलो करें:

  • सफर पर निकलने से पहले फास्टैग बैलेंस जरूर चेक करें।
  • फास्टैग की केवाईसी अपडेट कराते रहें ताकि ब्लैकलिस्टिंग से बचा जा सके।
  • अगर फास्टैग फटा या डैमेज हो जाए तो तुरंत नया मंगवाएं।
  • गाड़ी पर एक ही एक्टिव फास्टैग रखें।
  • फास्टैग को सही पोजीशन पर लगाएं ताकि स्कैनिंग में कोई दिक्कत न आए।

न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता हटाई गई

पहले एनएचएआई ने फास्टैग वॉलेट में न्यूनतम बैलेंस रखने का नियम बना रखा था, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है। यानी अब अनिवार्य मिनिमम बैलेंस की कोई जरूरत नहीं है। फिर भी यह सलाह दी जाती है कि वॉलेट में कम से कम ₹100 जरूर रखें ताकि अचानक कोई दिक्कत न आए और आपकी यात्रा आराम से पूरी हो सके।

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तो अगर आप भी अपनी गाड़ी में फास्टैग इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। एक छोटी सी गलती आपको समय, पैसा और एनर्जी तीनों का नुकसान करवा सकती है। सफर से पहले फास्टैग चेक करना अब एक आदत बना लीजिए, ताकि हर यात्रा मजेदार और बेफिक्र हो सके।

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