Land Registry New Rules – अब अगर आप जमीन खरीदने या बेचने का प्लान बना रहे हैं तो ज़रा रुकिए! 2025 में सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के कुछ बड़े नियम बदल दिए हैं। अब न तो लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ेंगी, न ही बार-बार रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर लगाने होंगे। सब कुछ डिजिटल हो गया है – घर बैठे ही जमीन की रजिस्ट्री हो जाएगी। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और आपको क्या फायदा होगा।
1. अब रजिस्ट्री पूरी तरह डिजिटल
सबसे बड़ी बात ये है कि अब रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। मतलब अब सारे डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन अपलोड करने होंगे और वही से प्रोसेस शुरू होगी। आपको रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर घंटों लाइन में लगने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। डिजिटल सिग्नेचर से दस्तावेजों की पुष्टि हो जाएगी और रजिस्ट्री होने के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा।
2. आधार कार्ड अनिवार्य और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन
अब हर रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी जरूरी है। इससे फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा और ये भी कन्फर्म हो जाएगा कि जो लोग जमीन बेच या खरीद रहे हैं, वो असली हैं। साथ ही अब आपकी प्रॉपर्टी भी आधार से लिंक हो जाएगी, जिससे बेनामी संपत्तियों पर लगाम लगाना आसान हो जाएगा।
3. वीडियो रिकॉर्डिंग से बढ़ी पारदर्शिता
रजिस्ट्री के दौरान अब वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी। इससे कोई धोखाधड़ी नहीं कर पाएगा और अगर भविष्य में कोई विवाद हुआ, तो उस वीडियो को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। कुल मिलाकर सिस्टम ज्यादा क्लियर और ट्रांसपेरेंट हो गया है।
4. ऑनलाइन फीस पेमेंट
अब रजिस्ट्री की फीस भी आप ऑनलाइन पे कर सकते हैं। न कैश की झंझट, न रसीद की टेंशन। सीधा डिजिटल पेमेंट और ट्रांसपेरेंट ट्रांजेक्शन। इससे रिश्वत जैसे मामलों में भी कमी आएगी।
स्टेप बाय स्टेप – जमीन की रजिस्ट्री कैसे होगी?
- ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें।
- जरूरी डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार, पैन, सेल डीड, फोटो आदि अपलोड करें।
- आधार से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराएं।
- रजिस्ट्री की फीस ऑनलाइन भरें।
- पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी।
- रजिस्ट्री पूरी होते ही आपको डिजिटल सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
जरूरी दस्तावेज जो आपको चाहिए
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- प्रॉपर्टी के कागज़ात
- बिक्री विलेख (सेल डीड)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- (अगर मांगा जाए तो) आय प्रमाण पत्र
इन सबको स्कैन करके ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
रजिस्ट्री कैंसिल करनी हो?
अगर किसी वजह से रजिस्ट्री कैंसिल करनी हो तो अब इसके लिए भी 90 दिन का टाइम दिया गया है। और अच्छी बात ये है कि ये प्रोसेस भी ऑनलाइन ही हो गया है। किसी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
बिहार समेत कई राज्यों में अलग नियम
हर राज्य ने अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ एक्स्ट्रा फीचर भी जोड़े हैं। जैसे बिहार में डिजिटल नक्शा और खुद से वेरिफिकेशन की सुविधा दी गई है। इससे खरीदार और विक्रेता दोनों को जमीन के सही डिटेल्स ऑनलाइन ही मिल जाते हैं।
फायदे क्या हैं इन नए नियमों के?
- समय की बचत: कुछ ही घंटों में रजिस्ट्री पूरी
- भ्रष्टाचार में कमी: अफसरों से कम सीधा संपर्क
- पारदर्शिता: हर कदम पर ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग
- सुरक्षा: फर्जीवाड़ा नामुमकिन
- डिजिटल रिकॉर्ड: सब कुछ ऑनलाइन और सुरक्षित
कुछ चुनौतियां भी हैं
पॉइंट | फायदे | नुकसान |
---|---|---|
प्रक्रिया | तेज और पारदर्शी | तकनीकी जानकारी जरूरी |
सुरक्षा | फर्जीवाड़ा कम | इंटरनेट और डिवाइस जरूरी |
सुविधा | घर बैठे प्रोसेस | बुजुर्गों को दिक्कत हो सकती है |
2025 के ये नए नियम प्रॉपर्टी से जुड़े हर इंसान के लिए फायदेमंद हैं। सब कुछ पारदर्शी और तेज हो गया है। अगर आप जमीन खरीदने-बेचने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को ज़रूर समझ लें। सही डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें और ऑनलाइन प्रोसेस को फॉलो करें – ना सिर्फ वक्त बचेगा, बल्कि कानूनी रूप से भी आप पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।