Loan EMI Update – यहां नौकरीपेशा लोगों के लिए एक खास लोन स्कीम की जानकारी दी जा रही है, जो आसान और बिना ईएमआई के झंझट के मिल जाती है। अगर आप भी सैलरीड क्लास में आते हैं और कभी अचानक पैसों की जरूरत महसूस होती है, तो यह जानकारी आपके बहुत काम की हो सकती है।
क्या है सैलरी ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी?
अक्सर लोगों ने पर्सनल लोन, होम लोन या व्हीकल लोन के बारे में सुना होता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि बैंक सैलरी अकाउंट पर भी एक खास तरह की लोन सुविधा देता है जिसे ‘सैलरी ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी’ कहा जाता है। यह एक तरह का शॉर्ट टर्म लोन होता है जो आपके सैलरी अकाउंट से जुड़ा होता है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें हर महीने ईएमआई भरने की जरूरत नहीं होती।
जब भी आपको पैसों की जरूरत होती है, आप अपने सैलरी अकाउंट से अधिक पैसे निकाल सकते हैं, भले ही उस वक्त अकाउंट में बैलेंस न हो। यानी आपको अलग से कोई लोन अप्लाई करने की ज़रूरत नहीं होती और न ही बार-बार डॉक्यूमेंटेशन का झंझट होता है।
कितना लोन मिल सकता है?
सैलरी ओवरड्राफ्ट की राशि आपके सैलरी पर निर्भर करती है। आम तौर पर बैंक आपकी सैलरी का दो से तीन गुना तक लोन दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी सैलरी 30 हजार रुपये है तो आपको 90 हजार रुपये तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिल सकती है। एचडीएफसी बैंक इस सुविधा के तहत 25 हजार से लेकर 1 लाख 25 हजार रुपये तक लोन देता है।
हर बैंक के नियम अलग होते हैं। कुछ बैंक आपकी सैलरी का 80 से 90 प्रतिशत तक लोन दे देते हैं। ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कैसी है और आपने पहले से कोई लोन लिया है या नहीं।
ब्याज कैसे लगता है?
इस लोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ब्याज सिर्फ उस राशि पर लगता है, जितना आप इस्तेमाल करते हैं। मान लीजिए बैंक ने आपको एक लाख रुपये तक की ओवरड्राफ्ट लिमिट दी है, लेकिन आपने सिर्फ 40 हजार रुपये निकाले हैं तो ब्याज सिर्फ इन्हीं 40 हजार पर लगेगा। यह सुविधा पर्सनल लोन से काफी सस्ती और सुविधाजनक बन जाती है क्योंकि पर्सनल लोन में पूरी रकम पर ब्याज देना पड़ता है।
EMI का झंझट नहीं
यह एक बहुत बड़ी राहत है कि इस लोन में हर महीने ईएमआई नहीं भरनी होती। आपको बस जितना पैसा आपने निकाला है, उस पर हर महीने ब्याज चुकाना होता है। इसके बाद जब आपके पास पूरा पैसा हो, आप एक साथ पूरा लोन चुका सकते हैं। इससे आपकी जेब पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता।
प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज
सैलरी ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में प्रोसेसिंग फीस बैंक के अनुसार अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, एसबीआई यह सुविधा बिना किसी प्रोसेसिंग फीस के देता है, जबकि एचडीएफसी बैंक करीब दो हजार रुपये तक चार्ज कर सकता है। इसके अलावा कुछ बैंक सालाना रिन्यूअल फीस भी लेते हैं, जैसे एचडीएफसी बैंक एक साल बाद इस सुविधा को रिन्यू करने के लिए 250 रुपये चार्ज करता है। इसके साथ ही सरकारी टैक्स भी लागू होते हैं।
लोन चुकाने की अवधि
इस तरह के लोन की समयसीमा भी तय होती है। आम तौर पर बैंक एक साल की अवधि के लिए यह सुविधा देते हैं और उसके बाद आप इसे फिर से एक साल के लिए रिन्यू कर सकते हैं। यह प्रक्रिया आसान होती है और ज्यादा दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ती।
कब लें यह लोन?
जब कभी अचानक मेडिकल इमरजेंसी हो, घर में जरूरी खर्च आ जाए या किसी वजह से तात्कालिक नकद की जरूरत हो, तब यह ओवरड्राफ्ट सुविधा बहुत फायदेमंद साबित होती है। यह पर्सनल लोन का सस्ता और लचीला विकल्प है।
अगर आपकी सैलरी अकाउंट किसी बड़े बैंक में है तो आप जरूर अपने बैंक से सैलरी ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के बारे में जानकारी लें। यह सुविधा बिना तनाव के आपको आर्थिक मदद देती है, वो भी तब जब आपको सबसे ज्यादा जरूरत हो। ध्यान रखें कि समय पर ब्याज चुकाना जरूरी है ताकि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बना रहे।