Old Pension Scheme – अगर आप सरकारी नौकरी कर रहे हैं या फिर करने की सोच रहे हैं, तो एक अच्छी खबर सामने आई है। पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जो 30 मई 2025 से लागू हो गया है। ये फैसला उन कर्मचारियों के लिए राहत भरा है, जिनकी नौकरी की चयन प्रक्रिया 2004 से पहले शुरू हुई थी, लेकिन उनकी नियुक्ति किसी कारणवश 2004 के बाद हुई।
अब उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। तो आइए जानते हैं कि यह योजना है क्या, इसका फायदा किन लोगों को होगा और आपको क्या करना चाहिए।
पुरानी पेंशन योजना क्या है?
पहले के ज़माने में जब कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता था, तो उसे हर महीने एक तय पेंशन मिलती थी। यही व्यवस्था OPS यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत थी। इसमें पेंशन कर्मचारी की आखिरी सैलरी के आधार पर तय होती थी और इसमें हर साल महंगाई भत्ते के अनुसार बढ़ोतरी भी होती थी।
OPS के फायदे क्या हैं?
- हर महीने तय पेंशन मिलती है
- महंगाई भत्ते के साथ पेंशन बढ़ती रहती है
- परिवार को भी पेंशन मिलती है
- रिटायरमेंट के बाद आर्थिक चिंता नहीं रहती
क्या बदला था 2004 में?
साल 2004 में सरकार ने पुरानी योजना को खत्म कर नई पेंशन योजना यानी एनपीएस लागू कर दी। इसमें रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम तय नहीं होती, बल्कि ये शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। यानी इसमें जोखिम जुड़ा रहता है।
अब क्या नया हुआ है?
30 मई 2025 से एक नया नियम लागू हुआ है, जिसके तहत अब वे सरकारी कर्मचारी भी पुरानी पेंशन योजना में शामिल हो सकते हैं जिनका चयन 2004 से पहले हुआ था, लेकिन जॉइनिंग 2004 के बाद हुई। पहले इन्हें एनपीएस के तहत रखा जाता था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चयन की तारीख को आधार मानते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा।
किन्हें होगा फायदा?
- वे लोग जिनकी नौकरी के लिए चयन 1 जनवरी 2004 से पहले हुआ था
- लेकिन किसी कारणवश नियुक्ति 2004 के बाद हुई
- अब वे भी पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे
क्या मिलेगा फायदा?
ये बदलाव बहुत बड़ा है क्योंकि इससे हजारों-लाखों कर्मचारियों को वो लाभ मिलेगा जो अब तक उनसे छिन गया था। खासतौर पर जब कोई रिटायर होता है, तो हर महीने मिलने वाली तय पेंशन एक बड़ी राहत होती है। इससे भविष्य की चिंता कम हो जाती है।
OPS और NPS में अंतर क्या है?
- OPS में: पेंशन गारंटीड होती है, महंगाई भत्ता मिलता है, परिवार को पेंशन मिलती है, और बाजार की उठापटक से कोई असर नहीं
- NPS में: पेंशन तय नहीं होती, ये पूरी तरह बाजार आधारित होती है, और इसमें भविष्य की गारंटी नहीं
राज्य सरकारें भी वापस ला रही हैं OPS
कई राज्य जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश पहले ही पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर चुके हैं। अब केंद्र सरकार के इस कदम से बाकी राज्यों पर भी दबाव बनेगा कि वे भी ऐसा करें।
अब आपको क्या करना चाहिए?
अगर आप उन कर्मचारियों में से हैं जिनका चयन 2004 से पहले हुआ था लेकिन नियुक्ति बाद में, तो आप यह काम कर सकते हैं:
- अपने नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज़ निकालिए
- चयन की तारीख और नियुक्ति की तारीख को जांचिए
- अपने विभाग के पेंशन अधिकारी से मिलिए
- पुराने पेंशन योजना में शामिल होने के लिए आवेदन दीजिए
एक सच्ची मिसाल
मेरे जान-पहचान में एक अंकल हैं जो रेलवे में काम करते थे। उन्हें पुरानी योजना का लाभ मिला और आज वे रिटायर होकर भी चैन से जी रहे हैं क्योंकि उन्हें हर महीने करीब पैंतीस हजार रुपये पेंशन मिलती है। वहीं, एक और कर्मचारी जो एनपीएस के तहत रिटायर हुए, उन्हें बहुत कम पेंशन मिलती है और वो काफी परेशान हैं।
क्यों ज़रूरी है यह फैसला?
ये सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि सरकार में काम करने वालों के भरोसे की वापसी है। यह सामाजिक सुरक्षा भी है और आर्थिक राहत भी। जब पेंशन गारंटी के साथ मिलती है, तो कर्मचारी बेफिक्र होकर अपनी नौकरी करते हैं और रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें सम्मानजनक जीवन मिलता है।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी उन कर्मचारियों के लिए किसी जीत से कम नहीं है जो सालों से इसके लिए लड़ रहे थे। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस श्रेणी में आता है, तो यह खबर जरूर साझा करें। अब वक्त है उस हक को वापस पाने का जो कभी छीन लिया गया था।