PPF Scheme – PPF (Public Provident Fund) मिडल क्लास और नौकरीपेशा लोगों की फेवरेट सेविंग स्कीम है। वजह भी साफ है – इसमें अच्छा ब्याज मिलता है, पैसे भी सेफ रहते हैं और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पूरा अमाउंट टैक्स फ्री होता है। लेकिन जब PPF का 15 साल का पीरियड पूरा हो जाता है, तब बहुत सारे लोग कन्फ्यूज़ हो जाते हैं कि अब क्या करें – खाता बंद करें या एक्सटेंड?
तो अब इसको लेकर सरकार ने एक नया नियम और क्लियर गाइडलाइन दी है, जो आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए काफी अहम हो सकती है।
PPF मैच्योर हो जाने के बाद क्या ऑप्शन होते हैं?
जब आपका PPF खाता 15 साल पूरा कर लेता है, तो आपके पास दो ऑप्शन होते हैं:
- खाता बंद करके सारा पैसा निकाल लें
- खाते को एक्सटेंड करें – वो भी 5-5 साल के ब्लॉक में
अब सरकार का नया नियम कहता है कि अगर आप एक्सटेंशन करना चाहते हैं, तो मैच्योरिटी के 12 महीने के अंदर-अंदर एप्लिकेशन देनी होगी। पहले भी ये नियम था, लेकिन अब इसे और सख्ती से लागू किया जाएगा।
अगर 12 महीने में एक्सटेंशन की एप्लिकेशन नहीं दी तो क्या होगा?
अगर आपने एक साल के अंदर एक्सटेंशन की रिक्वेस्ट (यानि फॉर्म H) जमा नहीं की, तो आपका PPF खाता ऑटोमैटिकली डिफॉल्ट मोड में चला जाएगा।
अब ये डिफॉल्ट मोड क्या बला है?
- इसमें आपका खाता एक्सटेंड तो हो जाएगा, लेकिन आप उसमें कोई नया पैसा जमा नहीं कर पाएंगे
- सिर्फ आपके पुराने अमाउंट पर ब्याज मिलता रहेगा
- लेकिन आप फिर टैक्स सेविंग और कंपाउंडिंग के फायदों से वंचित रह जाएंगे
PPF को सही तरीके से एक्सटेंड कैसे करें?
अगर आप चाहते हैं कि आपका PPF खाता आगे भी एक्टिव रहे और आप उसमें हर साल पैसे डालते रहें, तो आपको ये स्टेप्स फॉलो करने होंगे:
- जैसे ही आपका खाता मैच्योर हो, अगले 12 महीनों के अंदर नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस जाएं
- वहां Form H भरें और जमा करें
- इसमें आप बताएंगे कि आप खाता 5 साल के लिए और बढ़ाना चाहते हैं
- हर 5 साल बाद आप फिर से इसी प्रोसेस को दोहरा सकते हैं
सही टाइम पर एक्सटेंशन क्यों ज़रूरी है?
- PPF की ब्याज दरें बाकी स्कीम्स से बेहतर और ज्यादा स्टेबल होती हैं
- सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट मिलती है
- मैच्योरिटी और ब्याज दोनों पर कोई टैक्स नहीं लगता
- रिटायरमेंट या लॉन्ग टर्म गोल्स के लिए ये स्कीम बेस्ट है
असली जिंदगी की मिसालें
किरण वर्मा जी (दिल्ली) का PPF खाता 2022 में मैच्योर हुआ। उन्हें पता नहीं था कि एक्सटेंशन की एक लिमिट है। वो 18 महीने बाद बैंक गईं, लेकिन तब तक खाता डिफॉल्ट मोड में जा चुका था। अब वो उसमें पैसा नहीं डाल सकतीं – सिर्फ ब्याज मिल रहा है।
वहीं राजीव सिंह (पटना) ने सही वक्त पर, यानि खाता मैच्योर होने के 6 महीने के अंदर ही Form H जमा कर दिया। अब वो हर साल ₹1.5 लाख जमा कर रहे हैं – टैक्स भी बचा रहे हैं और ब्याज भी कमा रहे हैं।
एक्सटेंशन से क्या फायदे हैं?
- निवेश को और 5 साल के लिए सुरक्षित रखने का मौका
- सरकारी ब्याज दर, जो सेविंग अकाउंट से ज्यादा होती है
- ब्याज और मैच्योरिटी पर कोई टैक्स नहीं
- हर 5 साल बाद फिर से एक्सटेंशन का ऑप्शन
छोटा सा सारांश – PPF एक्सटेंशन टेबल
पॉइंट | जानकारी |
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एक्सटेंशन की लिमिट | 12 महीने के अंदर फॉर्म जमा करें |
फॉर्म | Form H |
एक्सटेंशन अवधि | हर बार 5 साल |
सालाना निवेश सीमा | ₹1.5 लाख |
टैक्स बेनिफिट | धारा 80C के तहत |
डिफॉल्ट मोड | बिना फॉर्म जमा किए, लेकिन निवेश नहीं कर पाएंगे |
तो याद रखिए – जब PPF मैच्योर हो, तो अगले 12 महीने के अंदर एक्सटेंशन ज़रूर कराएं। वरना सिर्फ ब्याज तो मिलेगा, लेकिन आप उसमें पैसे नहीं डाल पाएंगे और टैक्स सेविंग का फायदा भी छूट जाएगा।