RBI ने होम लोन पर जारी की नई गाइडलाइंस! होम लोन धारकों को मिली सबसे बड़ी राहत RBI Rule For Home Loan

RBI Rule For Home Loan – अगर आपने भी घर खरीदने के लिए होम लोन लिया है या लेने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने होम लोन को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं, जो आम ग्राहकों के लिए राहत लेकर आए हैं। अब बैंक अपनी मर्जी से EMI नहीं बढ़ा पाएंगे, और ग्राहक को भी लोन की पूरी जानकारी समय पर दी जाएगी।

क्या है नया बदलाव?

पहले क्या होता था कि जब भी RBI की रेपो रेट बढ़ती थी, तो बैंक सीधा EMI या लोन की अवधि बढ़ा देते थे। ज़्यादातर लोगों को इसकी जानकारी तब मिलती थी जब उनकी जेब पर असर पड़ता था। लेकिन अब RBI ने साफ कह दिया है कि बैंकों को हर बदलाव की जानकारी ग्राहकों को पहले से देनी होगी, वो भी ईमेल या SMS के ज़रिए।

इतना ही नहीं, अब ग्राहक खुद तय कर सकेंगे कि वे EMI बढ़ाना चाहते हैं, लोन की अवधि बढ़ाना चाहते हैं या कुछ और विकल्प अपनाना चाहते हैं।

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ग्राहकों को मिलेंगे ये बड़े फायदे

  • EMI में बदलाव की तुरंत जानकारी: अब बैंक किसी भी तरह की EMI में बदलाव की सूचना तुरंत देंगे, जिससे आप पहले से प्लानिंग कर सकें।
  • EMI मैनेज करने के विकल्प: मान लीजिए आपकी EMI बढ़ गई है, तो अब आपके पास यह विकल्प होगा कि आप EMI बढ़ा लें और लोन की अवधि को जस का तस रखें, या EMI जैसी है वैसी रहने दें और लोन की अवधि बढ़ा लें।
  • बिना ज़्यादा चार्ज के रीफाइनेंसिंग: अगर आपको लगता है कि किसी दूसरे बैंक से लोन लेना बेहतर रहेगा, तो आप बिना भारी शुल्क के अपना लोन ट्रांसफर कर सकते हैं।
  • ग्राहक की सहमति जरूरी: अब कोई भी बदलाव ग्राहक की सहमति के बिना नहीं किया जा सकेगा। यानी बैंक मनमानी नहीं कर पाएंगे।

RBI को क्यों लेने पड़े ये कदम?

दरअसल, पिछले कुछ सालों में कई ग्राहक ये शिकायत कर रहे थे कि EMI बढ़ा दी जाती है, लेकिन न तो कोई जानकारी दी जाती है और न ही कोई विकल्प। इससे लोग मानसिक तनाव में आ जाते थे, क्योंकि अचानक खर्च बढ़ जाना किसी के लिए भी झटका होता है। अब RBI ने स्थिति को समझते हुए ये नए नियम लागू किए हैं, ताकि ग्राहकों को फैसला लेने की पूरी आज़ादी और समय मिले।

मेरे साथ भी ऐसा हुआ था

2019 में मैंने एक सरकारी बैंक से होम लोन लिया था। EMI शुरू में करीब 13,500 रुपये थी। लेकिन कुछ ही सालों में ये बढ़कर 16,200 हो गई। जब मैंने बैंक से पूछा तो जवाब मिला – “सिस्टम ने ऐसा किया है।” उस वक्त कोई विकल्प नहीं दिया गया। अगर तब ये नए नियम होते, तो शायद मैं EMI की बजाय लोन की अवधि बढ़वा लेता और मेरा बजट बिगड़ने से बच जाता।

किन लोगों को सबसे पहले फायदा होगा?

  • जिनका लोन फ्लोटिंग रेट पर है
  • जिनकी EMI हाल ही में बढ़ी है
  • जिन्हें EMI में बदलाव की जानकारी नहीं मिलती थी
  • जो EMI मैनेज करने या रीफाइनेंसिंग के विकल्प तलाश रहे हैं

अब ग्राहकों को क्या करना चाहिए?

  1. अपने लोन स्टेटमेंट को ध्यान से पढ़ें।
  2. EMI या ब्याज दर में कोई बदलाव हो तो लिखित में जानकारी लें।
  3. बैंक से पूछें कि आपके पास EMI कंट्रोल करने के क्या-क्या विकल्प हैं।
  4. अगर ज़रूरत लगे, तो लोन रीसेट या रीफाइनेंसिंग का रास्ता अपनाएं।
  5. अपने फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह ज़रूर लें।

ये सिर्फ नियम नहीं, एक बड़ी राहत है

RBI की नई गाइडलाइंस सिर्फ कागज़ी बदलाव नहीं हैं। ये एक कोशिश है कि होम लोन लेने वाले लोग अब खुद को असहाय न समझें। अब वो अपने लोन को अपनी ज़रूरत और सुविधा के अनुसार मैनेज कर सकते हैं।

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यह बदलाव खासकर नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि अब वे अपने मासिक खर्च को बेहतर तरीके से प्लान कर सकेंगे।

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