Toll टैक्स सिस्टम में हुआ बड़ा बदलाव! 2 नए नियम लागू, खर्च में भारी कटौती Toll Tax New Rules

Toll Tax New Rules – हाल ही में टोल टैक्स के नियमों में दो बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनसे वाहन चालकों को राहत मिल सकती है। वाहन चालकों को अब हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करते समय तय सीमा तक टोल टैक्स का भुगतान करना होता है, जो हर वाहन पर अनिवार्य होता है। लेकिन अब टोल टैक्स से जुड़े इन बदलावों के कारण वाहन चालकों को बड़ी राहत मिल सकती है।

टोल टैक्स के भुगतान में होने वाली परेशानी

कई बार लंबी दूरी की यात्रा करते समय टोल टैक्स का भुगतान करना एक परेशानी बन जाता है। इसके लिए फास्टैग रिचार्ज की आवश्यकता होती है, जो कई बार लोगों के लिए एक अतिरिक्त बोझ बन जाता है। लेकिन अब सरकार ने टोल टैक्स को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनसे वाहन चालकों को काफी फायदा होगा।

केंद्र सरकार के प्रस्ताव

केंद्र सरकार सड़क परिवहन मंत्रालय के माध्यम से टोल टैक्स में राहत देने के लिए दो प्रस्तावों पर विचार कर रही है। इनमें से पहला प्रस्ताव है कि ढाई लेन और संकरे नेशनल हाईवे पर कोई भी टोल चार्ज नहीं लिया जाएगा। दूसरा प्रस्ताव है कि कारों के लिए एक साल के अनलिमिटेड ट्रैवल पास का शुल्क 3000 रुपये होगा।

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मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दोनों प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, और अब इसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है। हालांकि, सरकार को इस बदलाव के बाद टोल से होने वाली कमाई में कमी का अनुमान है, लेकिन संकरे हाईवे को टोल फ्री करने का अधिक नुकसान होने की संभावना नहीं है।

नितिन गडकरी की योजना और सरकार की सोच

इससे पहले, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने निजी गाड़ियों के लिए सालाना और लाइफटाइम पास की योजना के बारे में भी बात की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार इस मामले पर विचार कर रही है और यदि टोल में कोई कटौती की जाती है तो उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं होगी।

गडकरी ने यह भी उल्लेख किया था कि समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने ढाई लेन या पक्की सड़कों वाली दो लेन वाली सड़कों को टोल फ्री करने का प्रस्ताव दिया था। उनके मुताबिक, इन सड़कों पर चार लेन या उससे अधिक लेन वाली सड़कों की तुलना में टोल 64 प्रतिशत कम होता है।

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टोल फ्री करने का फैसला

देशभर में ऐसे 50 से कम टोल प्लाजा हैं, जिनमें से अधिकांश पब्लिक फंडेड सड़कों पर स्थित हैं। इसका मतलब है कि इन सड़कों पर टोल सरकारी एजेंसियों द्वारा वसूला जाता है, और ये सड़कों को टोल फ्री करने का प्रस्ताव किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं होगा।

इसके अलावा, ज्यादातर मामलों में इन सड़कों से प्राप्त टोल की राशि, खर्च की गई राशि से कम होती है। ऐसे में इन सड़कों को टोल फ्री करने का निर्णय एक सही कदम हो सकता है। हालांकि, चार लेन और उससे अधिक लेन वाली सड़कों पर टोल वसूला जाता है, और वहां प्राइवेट एजेंसियां यह काम करती हैं। इसलिए यदि सरकार निजी गाड़ियों के लिए सालाना पास जारी करती है, तो इसका असर सरकारी राजस्व पर पड़ सकता है, और उस नुकसान की भरपाई सरकार को करनी होगी।

सरकार की टोल कमाई और निजी गाड़ियों का हिस्सा

आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 के दौरान सरकार ने टोल के माध्यम से लगभग 61000 करोड़ रुपये की कमाई की थी। इसमें से लगभग 20-21 प्रतिशत हिस्सा निजी गाड़ियों का था, जबकि 79-80 प्रतिशत कमाई सरकारी कमर्शियल और भारी वाहनों से हुई थी।

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टोल टैक्स में बदलाव की उम्मीद

इस बदलाव से वाहन चालकों को काफी राहत मिल सकती है, खासकर जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। सरकार ने इन बदलावों से यातायात में सुधार और वाहन चालकों को सहूलियत देने के लिए कदम उठाए हैं। यदि ये प्रस्ताव लागू होते हैं, तो इससे सड़क यात्रा के दौरान टोल टैक्स का बोझ कम हो सकता है और वाहन चालकों को यात्रा में आसानी हो सकती है।

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