Train Ticket Price – Indian Railway में कुछ नए चार्जेस लागू होने जा रहे हैं, जिनसे ट्रेन यात्रा महंगी हो सकती है। Indian Railway का यह कदम यात्रियों की जेब पर सीधा असर डालने वाला है, खासकर उन पर जो अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं। रेलवे टिकट बुकिंग और रेलवे किराया में ये बदलाव निश्चित रूप से खर्च बढ़ाएंगे, लेकिन इसका उद्देश्य रेलवे की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना है। आइए जानते हैं, 1 मई से लागू होने वाले नए चार्जेस और उनके प्रभाव के बारे में।
नए चार्जेस कौन से हैं?
- रिजर्वेशन चार्ज (Reservation Charge): पहले यह चार्ज स्लीपर क्लास में 20 रुपये, एसी 3 टियर में 40 रुपये और एसी फर्स्ट क्लास में 60 रुपये था। अब यह बढ़कर 30-80 रुपये तक हो जाएगा। यह चार्ज क्लास के हिसाब से अलग-अलग होगा। इस बढ़ोतरी का असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो नियमित रूप से ट्रेन से यात्रा करते हैं।
- सुपरफास्ट चार्ज (Superfast Charge): ट्रेनों में सफर करने पर पहले 15-75 रुपये तक का चार्ज लिया जाता था, अब यह बढ़कर 20-100 रुपये तक हो जाएगा। यह Charge Train की दूरी और क्लास के हिसाब से भिन्न होगा। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को इस चार्ज में ज्यादा बढ़ोतरी महसूस होगी।
- तत्काल चार्ज (Tatkal Charge): तत्काल टिकट बुकिंग पर भी चार्ज बढ़ जाएगा। पहले स्लीपर क्लास में 100-200 रुपये था, अब यह बढ़कर 120-250 रुपये हो जाएगा। एसी 3 टियर में पहले 300-400 रुपये था, अब यह 350-450 रुपये तक हो जाएगा। यह बदलाव उन यात्रियों को प्रभावित करेगा जो Last Time में टिकट Book करते हैं।
इनके अलावा, GST और Dynamic Fare जैसे Charges भी लागू रहेंगे, जो कुल किराए को और बढ़ा सकते हैं। इससे Train Ticket की कुल Price में और वृद्धि होगी।
रेलवे किराया कैसे तय होता है?
रेलवे किराया कई कारकों पर निर्भर करता है:
- बेस फेयर (Base Fare): यह दूरी और Class के आधार पर तय होता है।
- रिजर्वेशन चार्ज: यह हर क्लास के लिए अलग-अलग होता है।
- सुपरफास्ट चार्ज: सुपरफास्ट ट्रेनों में यात्रा करने पर यह अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है।
- तत्काल चार्ज: तत्काल टिकट बुक करने पर यह चार्ज लिया जाता है।
- GST: एसी क्लास टिकट पर 5% GST लिया जाता है।
- डायनेमिक फेयर (Dynamic Fare): यह ट्रेनों की Demand के अनुसार बदल सकता है।
इन सभी चार्जेस को जोड़कर कुल किराया तय होता है, और अब इन चार्जेस के बढ़ने से यात्री को अधिक पैसे खर्च करने होंगे।
वेटिंग टिकट और बुकिंग नियम में बदलाव
रेलवे ने वेटिंग टिकट और बुकिंग के नियमों में भी बदलाव किए हैं। अब वेटिंग टिकट केवल जनरल कोच में ही मान्य होगा। इसका मतलब यह है कि अगर किसी यात्री के पास स्लीपर या एसी कोच का वेटिंग टिकट है, तो वह यात्रा नहीं कर सकता। अगर वेटिंग टिकट के साथ कोई यात्री रिजर्वेशन कोच में यात्रा करता है, तो उसे भारी जुर्माना देना होगा।
एडवांस बुकिंग पीरियड को 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब आप अपनी यात्रा की योजना 60 दिन पहले कर सकते हैं, जो पहले 120 दिन थी।
ट्रेन टिकट कैंसिलेशन चार्जेस में बदलाव
अगर आप अपना टिकट कैंसिल करते हैं, तो अब नए कैंसिलेशन चार्ज लागू होंगे। उदाहरण के लिए, अगर आप 48 घंटे से ज्यादा पहले टिकट कैंसिल करते हैं, तो स्लीपर क्लास में 120 रुपये, एसी 3 टियर में 180 रुपये और एसी फर्स्ट क्लास में 240 रुपये चार्ज लिया जाएगा। अगर आप 48-12 घंटे पहले टिकट कैंसिल करते हैं, तो किराए का 25% + GST काटा जाएगा, और 12-4 घंटे पहले कैंसिल करने पर 50% किराया + GST काटा जाएगा।
किराया बढ़ने का कारण
रेलवे का कहना है कि जो किराया वे यात्रियों से लेते हैं, वह कुल यात्रा लागत का सिर्फ 57% होता है, बाकी 43% रेलवे खुद सब्सिडी के रूप में वहन करता है। रेलवे को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने के लिए इन चार्जेस को बढ़ाना पड़ा है।
नए चार्जेस का असर
इन नए चार्जेस का सबसे ज्यादा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो बार-बार ट्रेन से यात्रा करते हैं। सुपरफास्ट और तत्काल ट्रेनों में सफर करने वालों को सबसे ज्यादा फर्क महसूस होगा। इसके अलावा, एसी क्लास में यात्रा करने वालों को जीएसटी और बढ़े हुए चार्जेस के कारण ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
1 मई से लागू होने वाले नए Railway चार्जेस से यात्रियों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। रेलवे का उद्देश्य अपनी सेवाओं को बेहतर करना और अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारना है, लेकिन इससे आम आदमी के लिए यात्रा करना महंगा हो सकता है। फिर भी, अगर रेलवे इन बदलावों से अपनी सुविधाओं को बेहतर बनाता है और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करता है, तो यह यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ट्रेन यात्रा के दौरान इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए, यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना और बजट पर ध्यान देना चाहिए।